रुड़की में दिव्यांग ई-रिक्शा चालक की निर्मम हत्या कर दी गई है। मृतक की शिनाख्त मिटाने के लिए चेहरे को पत्थरों से कुचल दिया। पहले तेजाब डालकर शव को जलाने और फिर काली पन्नी से लपेट कर मिट्टी में दबाने की कोशिश की गई। पुलिस की कई टीमें हत्यारों की तलाश में जुट गई हैं।
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गंगनहर कोतवाली अंतर्गत सुनहरा निवासी 28 वर्षीय दिव्यांग मुन्ना पुत्र मिठवा ई-रिक्शा चलाते थे। शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे वह घर से निकले थे, लेकिन फिर लौटे नहीं। छोटा भाई मुकेश और परिजन उनकी तलाश में जुटे थे। शनिवार को उन्होंने मुन्ना के लापता होने की तहरीर गंगनहर कोतवाली पुलिस को दी थी।
मुकेश ने बताया कि रविवार तड़के उन्हें मुन्ना का ई-रिक्शा रसूलपुर में फोरलेन के समीप खड़ा होने की जानकारी मिली। परिजन वहां पहुंचे और तलाश किया तो पास में ही काली पन्नी में लिपटा हुआ मुन्ना का शव मिला। सूचना पर गंगनहर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। एसपी देहात शेखर चंद सुयाल ने बताया कि शव आधा मिट्टी में दबा हुआ था। चेहरा पत्थर से कुचला हुआ था और पास में एक बड़ा पत्थर पड़ा था। चेहरे और शरीर को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे तेजाब से जलाया गया हो।
इसके अलावा गले में बेल्ट बंधी हुई थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाया। एसपी देहात ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। कई टीमें हत्यारों की तलाश कर रही हैं।