नई दिल्ली, 33 दिसम्बर। लद्दाख में भारतीय सेना के हाथों मात खाने के बाद अब चीन अरुणाचल प्रदेश में नई साजिशें रचने लगा है। हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों के नाम बदल दिए हैं।इस लिस्ट में 8 रेसिडेंशियल प्लेस, चार पहाड़, दो नदी और एक पहाड़ी दर्रा शामिल है। अब इस मामले पर भारत सरकार ने कड़ा ऐतराज जताते हुए चीन को चेतावनी दी है। मामले में आधिकारिक बयान जारी करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने कई रिपोर्ट देखीं जिसमें दावा किया गया कि चीन ने अरुणाचल के कुछ इलाकों का नाम बदला है। ये कोई पहली बार नहीं हुआ, चीन ने अप्रैल 2017 में भी इसी तरह की हरकत की थी, लेकिन हम उन्हें ये बताना चाहते हैं कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग था और भविष्य में भी हमेशा रहेगा। अब किसी जगह का नाम बदलने से उससे जुड़े तथ्य नहीं बदलेंगे।
कहां-कहां के नाम बदले?
आपको बता दें कि चीन ने शन्नन प्रीफेक्चर के कोना काउंटी में सोंगकोजोंग और डग्लुंगजोंग, निंगची के मेडोग काउंटी में मणिगंग, ड्यूडिंग और मिगपेन, न्यिंगची के जायू काउंटी में गोलिंग, डंबा और शन्नान प्रीफेक्चर के लुंजे काउंटी में मोजाग के नाम बदले हैं। जायू और लुंजे काउंटी का बड़ा हिस्सा भारत के अरुणाचल प्रदेश में आता है।
लद्दाख में फेल हुई सारी चाल
मई 2020 से चीन ने लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश की थी। जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। इसके बाद से वहां की एलएसी पर विवाद जारी है। हालांकि चीनी सैनिक भीषण ठंड में एलएसी के पास टिक नहीं पा रहे हैं, जिस वजह से वो पीछे हट गए। इसकी जगह पर चीन वहां पर रोबोट के हाथ में मशीनगन थमाकर उन्हें गश्त पर भेज रहा। वहीं दूसरी ओर भारतीय जवान जांबाजी के साथ डटे हुए हैं।
भारत-चीन तनाव के बीच चीन की मीडिया ने भारत को क्या नसीहत दी
चीन की मीडिया ने भारत से अपील की है कि बीते साल से दोनों देशों के बीच जारी सीमा गतिरोध का हल निकालने और डिसइंगेजमेंट के लिए होने वाली 14वें दौर की वार्ता से पहले वह द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाए। हालांकि चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक़, 14वें दौर की यह उच्चस्तरीय बैठक कब होगी, यह तय नहीं है।
बेनतीजा रही थी पिछली मुलाक़ात
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 13वें दौर की सीनियर सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता बेनतीजा रही थी। इस बैठक के बाद भारत ने कहा था कि चीन एलएससी पर यथास्थिति बहाल करने को तैयार नहीं है।
अभी पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर दोनों देशों के बीच हॉट स्प्रिंग्स, डेपसांग बल्ज और चार्डिंग नाला जंक्शन को लेकर विवाद है। वहीं चीन की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि भारत ग़ैर वाजिब और अनुचित मांग उठा रहा है, जिससे मुश्किल पेश आ रही है।
नवीन चन्द्र पोखरियाल रामनगर,
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