नई दिल्ली 25 दिसम्बर। तालिबान के साथ सीमा पर बाड़बंदी को लेकर जारी विवाद के चलते पाकिस्तान में राजनीतिक गहमा गहमी तेज हो गई है। प्रधानमंत्री इमरान खान की विपक्ष खूब आलोचना कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि जब तालिबान सीमा की बाड़बंदी को नहीं मान रहा तो प्रधानमंत्री ने जल्दबादी में उसकी इतनी मदद क्यों की. इस बीच पाकिस्तान सरकार ने दावा किया है कि समस्या को सुलझा लिया गया है। खबरों में कहा गया है कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान और तालिबान अधिकारियों ने हाल में सीमा पर बाड़बंदी को लेकर हुए विवाद को सुलझा लिया है।अधिकारियों ने कहा है कि अब इस परियोजना पर आगे का काम आम सहमति से किया जाएगा, जिसके कारण तनावपूर्ण स्थिति पैदा हुई थी। शुक्रवार को मामले की पृष्ठभूमि में पत्रकारों के एक समूह से बात करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उच्च स्तर पर यह तय किया गया है कि भविष्य में बाड़ से जुड़े मुद्दों को आपसी सहमति से निपटाया जाएगा। पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के अनुसार अधिकारी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि बुधवार की घटना के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान सरकार के बीच किस स्तर पर बातचीत हुई है। बुधवार को तालिबान लड़ाकों ने सीमा पर बाड़ लगाने के काम को बाधित किया और कांटेदार तार को अपने साथ ले गए थे। तालिबान लड़ाकों ने उसके बाद पाकिस्तानी सैनिकों को बाड़बंदी शुरू न करने को लेकर चेतावनी दी थी। खबर में कहा गया कि इस घटना के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। बाद में दोनों पक्षों के रक्षा मंत्रालयों ने इस मुद्दे पर बात की। इस बातचीत में तालिबान के सीमा और कबायली मामलों के मंत्रालय ने भी कथित तौर पर हिस्सा लिया था। अधिकारी ने कहा कि तालिबान के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब ने बुधवार को इलाके का दौरा किया और स्थिति को सामान्य किया। उन्होंने कहा, ‘विवाद को चुपचाप और शांतिपूर्वक सुलझा लिया गया है।' खबर के मुताबिक, पाकिस्तान आतंकवादियों और तस्करों की घुसपैठ को रोकने के लिए 2017 से ही अफगानिस्तान से लगने वाली 2600 किलोमीटर लंबी सीमा की बाड़बंदी कर रहा है।
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