नई दिल्ली 15 दिसम्बर। बेंगलुरु से एक बड़ी ही दुखद खबर सामने आई है। तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हैलीकॉप्टर क्रैश में एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का निधन हो गया है। भारतीय वायुसेना ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से ये जानकारी दी है। भारतीय वायुसेना ने लिखा, “हम इसकी सूचना देते हुए काफी व्यथित हैं कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का निधन हो गया है। 8 दिसंबर, 2021 को तमिलनाडु में हुए हैलीकॉप्टर दुर्घटना में घायल होने के कारण वो चल बसे। हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं।” आपको बता दें कि इस हैलीकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी। रावत दंपति का उनकी दोनों बेटियों ने अंतिम संस्कार किया और उसके बाद उनकी अस्थियों को हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित किया गया। इसी तरह अन्य जवानों के पैतृक गाँवों में भी उनके अंतिम संस्कार में भारी संख्या में लोग जुटे। पूरे देश में इस हैलीकॉप्टर क्रैश के कारण माहौल गमगीन था। लोग वरुण सिंह के जल्दी ठीक होने की प्रार्थना कर रहे थे।
आर्मी हेलिकॉप्टर क्रैश के अकेले सर्वाइवर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह नहीं रहे। अपने स्कूल को लिखी आखिरी चिट्ठी में उन्होंने जिंदगी की 5 ऐसी सीख दी थी, जो किसी भी साधारण व्यक्ति को एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी बना सकती है। करीब एक सप्ताह से जिंदगी की जंग लड़ रहे भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की सांसें आखिरकार थम गईं। लेकिन जाते-जाते भी वे हमें जिंदगी की ऐसी सीख दे गए जो किसी भी साधारण स्टूडेंट को असाधारण बना सकती हैं। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बीते 08 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए आर्मी हेलिकॉप्टर क्रैश के अकेले सर्वाइवर थे, जिसमें सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की जान चली गई थी। सिर्फ वरुण की सांसें चल रही थीं। बीते एक सप्ताह से बंगलुरू के मिलिट्री हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। आपको बता दें कि भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन रैंक पर पदस्थापित वरुण सिंह को अगस्त 2021 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। शौर्य चक्र मिलने के एक महीने बाद सितंबर 2021 में वरुण ने उस स्कूल को चिट्ठी लिखी थी जहां से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की थी। इस चिट्ठी में वरुण ने बताया था कि वह कितने साधारण स्टूडेंट थे और कैसे उन्होंने खुद को एक शानदार करियर और असाधारण जिंदगी के लिए तैयार किया। उस चिट्ठी में उन्होंने स्टूडेंट्स के लिए ऐसी 5 बड़ी सीख दी थी जो हम सभी को एक शानदार कैरियर, लाजवाब शख्सियत और जीवन में ढेरों उपलब्धियों के लिए प्रेरित कर सकती हैं। पढ़िये उनकी चिट्ठी के प्रमुख अंश –
आईएएफ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की चिट्ठी
‘मैं एक बहुत ही साधारण स्टूडेंट था. क्लास 12 में मुश्किल से फर्स्ट डिवीजन मार्क्स मिले थे। हालांकि मैं काफी अनुशासित था, लेकिन फिर भी खेल और अन्य को-करिकुलर गतिविधियों में बिल्कुल साधारण था। लेकिन मुझमें हवाई जहाजों और एविएशन को लेकर जुनून था। मैं एनडीए गया, ऑफिसर कैडेट के रूप में पास हुआ। लेकिन पढ़ाई या खेल किसी में कभी बहुत अच्छा नहीं कर सका।सबकुछ तब बदला जब मैं एयरफोर्स एकेडमी पहुंचा। मुझे एहसास हुआ कि एविएशन के लिए मेरा जुनून मुझे बाकी साथियों से थोड़े बेहतर बनाता है। तब भी मुझमें अपनी काबिलियत पर विश्वास की कमी थी। आत्मविश्वास की कमी थी। क्योंकि मुझे हमेशा लगता था कि मैं साधारण बने रहने के लिए ही हूं। लेकिन फाइटर स्क्वॉड्रन में बतौर यंग फ्लाइट लेफ्टिनेंट कमीशन पाने के बाद मुझे लगा कि अगर मैं अपना दिल और दिमाग इस काम में लगा दूं, तो अच्छा कर सकता हूं। मैंने खुद को अपना बेस्ट बनाने पर काम शुरू किया। पहले की तरह सिर्फ पास हो जाने के लक्ष्य के विपरीत। यह वो समय था जब मेरी व्यक्तिगत और व्यवसायिक जिंदगी में सबकुछ बदलना शुरू हुआ। आज मैं अपने करियर में मुश्किल पड़ावों तक पहुंचा हूं।' *स्टूडेंट्स के लिए 5 सबसे जरूरी सीख*-
‘एक साधारण स्टूडेंट होने में कोई बुराई नहीं है। स्कूल में हर कोई बेहतरीन परफॉर्मेंस करे यह जरूरी नहीं। न ही हर किसी को 90 फीसदी से ज्यादा मार्क्स मिलते हैं। अगर आप ऐसा कर पाते हैं तो यह शानदार उपलब्धि है और इसकी तारीफ होनी चाहिए। लेकिन अगर आप स्कूल में लाजवाब परफॉर्मेंस नहीं दे पाते, तो इसका मतलब यह नहीं कि आप साधारण बने रहने के लिए ही बने हैं। आप स्कूल में साधारण हो सकते हैं, लेकिन इससे यह तय नहीं हो सकता कि आपको जिंदगी में आगे क्या मिलेगा।’ ‘अपने अंदर की आवाज सुनें। यह आर्ट, म्यूजिक, ग्राफिक डिजाइन, लिटरेचर… कुछ भी हो सकता है। लेकिन जो भी करें, उसमें खुद को समर्पित करें. अपना बेस्ट दें।' ‘कभी भी यह सोचकर सोने न जाएं कि मैं थोड़ी और कोशिश कर सकता/ सकती थी।' यानी हर रोज अपने लक्ष्य की दिशा में हर छोटे से छोटे काम में भी अपना 100 फीसदी दें। ‘ये बिल्कुल न सोचें कि 12वीं बोर्ड एग्जाम के मार्क्स यह तय तरेंगे कि आप जिंदगी में क्या कुछ हासिल कर सकते हैं। खुद पर विश्वास रखें और अपने सपनों की दिशा में काम करें।' ‘कभी भी उम्मीद न छोड़ें। कभी ये न सोचें कि आप जो बनना चाहते हैं, उसमें आप अच्छा नहीं कर सकेंगे। यह आसानी से नहीं मिलेगा। मेहनत लगेगी, कोशिशें करनी होंगी. समय और आराम का बलिदान देना होगा।'
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